केदारसभा के अध्यक्ष बोले- धाम को पर्यटन से ना जोड़ें:मान्यताओं के साथ खिलवाड़ हो रहा, 60 प्रतिशत लोग सिर्फ वीडियो बनाने आते हैं

केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं, इस साल यहां पर रिकॉर्ड स्तर पर पर्यटक पहुंच हैं। जिससे स्थानीय लोगों के साथ व्यापारियों को ₹400 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ है। लेकिन अब केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों की सबसे बड़ी सभा केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का एक बयान सामने आया है, जिसमें वह सरकार से अपील करते हुए कह रहे हैं कि केदारनाथ एक तीर्थ स्थल है इसे पर्यटन से नहीं जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा- आज 40 परसेंट ही तीर्थ यात्री होंगे जो केदारनाथ आते होंगे, बाकी तो घुमक्कड़, रील वीडियो और ब्लॉग बनाने में लोगों की होड़ मची हुई है। इस बयान के सामने आने के बाद दैनिक भास्कर एप ने राजकुमार तिवारी से बातचीत की, जिसमें वह अपने इस बयान का सर्मथन करते दिखे, साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग धाम की मान्यताओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। धाम में कई युवक-युवतियां पहुंचकर एक दूसरे को प्रपोज कर रहे हैं, जो अनैतिक है। अब पहले पढ़िए वो बयान जो अब सामने आया है भोगौलिक परिस्थितियां भीड़ कंट्रोल नहीं कर पाती केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का जो वीडियो अब सामने आया है, वो 25 अक्टूबर का है, ये वही दिन था जब बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ से 55 किलोमीटर की यात्रा कर उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंची थी। अपने इस बयान में वो कहते हैं- केदारनाथ जी की जो भोगौलिक परिस्थितियां हैं वो इतनी भीड़ को कंट्रोल नहीं कर पाती हैं, उसमें चाहें स्थानीय लोग हों, तीर्थ पुरोहित समाज हो, चाहे बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति हो, हम किसी को भी दोष नहीं दे सकते, क्योंकि वहां की जो भोगौलिक परिस्थितियां हैं, वो ऐसी ही हैं। लोग कैमरा पहले निकालते हैं प्रणाम बाद में करते हैं उन्होंने आगे कहा, बोलने मैं तो बुरा लग रहा है लेकिन, 40 परसेंट ही तीर्थ यात्री होगा जो केदारनाथ आता होगा, बाकी घुमक्कड़, रील वीडियो और ब्लॉग बनाने में लोगों की होड़ मची हुई है। क्योंकि आज लोग पहले कैमरा निकालते हैं और भगवान को प्रणाम बाद में करते हैं, तो बड़ा दुख होता है। पहले बुजुर्ग लोग करते थे यात्रा राजकुमार तिवारी ने आगे कहा- हमारे पूर्वज बताते थे, पहले वो लोग केदारनाथ जी के दर्शन के लिए आते थे जो परिवार की पूरी जिम्मेदारियों से फ्री हो जाते थे। और उनके घर से उनको माला पहनाते थे, कि ये वापस आएं या ना आएं, लेकिन आज ठीक उल्टा हो गया है। ----------------- ये खबर भी पढ़ें.... केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को ₹400 करोड़ मिले, हेली सेवाओं का कारोबार 70 करोड़ के पार इस साल केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को ₹400 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ है। इस साल करीब 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान लोगों ने घोड़े- खच्चर, हेली, डंडी- कंडी सहित होटल एवं रेस्तरां पर जमकर खर्चा किया। (पढ़ें पूरी खबर)

केदारसभा के अध्यक्ष बोले- धाम को पर्यटन से ना जोड़ें:मान्यताओं के साथ खिलवाड़ हो रहा, 60 प्रतिशत लोग सिर्फ वीडियो बनाने आते हैं
केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं, इस साल यहां पर रिकॉर्ड स्तर पर पर्यटक पहुंच हैं। जिससे स्थानीय लोगों के साथ व्यापारियों को ₹400 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ है। लेकिन अब केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों की सबसे बड़ी सभा केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का एक बयान सामने आया है, जिसमें वह सरकार से अपील करते हुए कह रहे हैं कि केदारनाथ एक तीर्थ स्थल है इसे पर्यटन से नहीं जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा- आज 40 परसेंट ही तीर्थ यात्री होंगे जो केदारनाथ आते होंगे, बाकी तो घुमक्कड़, रील वीडियो और ब्लॉग बनाने में लोगों की होड़ मची हुई है। इस बयान के सामने आने के बाद दैनिक भास्कर एप ने राजकुमार तिवारी से बातचीत की, जिसमें वह अपने इस बयान का सर्मथन करते दिखे, साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग धाम की मान्यताओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। धाम में कई युवक-युवतियां पहुंचकर एक दूसरे को प्रपोज कर रहे हैं, जो अनैतिक है। अब पहले पढ़िए वो बयान जो अब सामने आया है भोगौलिक परिस्थितियां भीड़ कंट्रोल नहीं कर पाती केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का जो वीडियो अब सामने आया है, वो 25 अक्टूबर का है, ये वही दिन था जब बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ से 55 किलोमीटर की यात्रा कर उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंची थी। अपने इस बयान में वो कहते हैं- केदारनाथ जी की जो भोगौलिक परिस्थितियां हैं वो इतनी भीड़ को कंट्रोल नहीं कर पाती हैं, उसमें चाहें स्थानीय लोग हों, तीर्थ पुरोहित समाज हो, चाहे बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति हो, हम किसी को भी दोष नहीं दे सकते, क्योंकि वहां की जो भोगौलिक परिस्थितियां हैं, वो ऐसी ही हैं। लोग कैमरा पहले निकालते हैं प्रणाम बाद में करते हैं उन्होंने आगे कहा, बोलने मैं तो बुरा लग रहा है लेकिन, 40 परसेंट ही तीर्थ यात्री होगा जो केदारनाथ आता होगा, बाकी घुमक्कड़, रील वीडियो और ब्लॉग बनाने में लोगों की होड़ मची हुई है। क्योंकि आज लोग पहले कैमरा निकालते हैं और भगवान को प्रणाम बाद में करते हैं, तो बड़ा दुख होता है। पहले बुजुर्ग लोग करते थे यात्रा राजकुमार तिवारी ने आगे कहा- हमारे पूर्वज बताते थे, पहले वो लोग केदारनाथ जी के दर्शन के लिए आते थे जो परिवार की पूरी जिम्मेदारियों से फ्री हो जाते थे। और उनके घर से उनको माला पहनाते थे, कि ये वापस आएं या ना आएं, लेकिन आज ठीक उल्टा हो गया है। ----------------- ये खबर भी पढ़ें.... केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को ₹400 करोड़ मिले, हेली सेवाओं का कारोबार 70 करोड़ के पार इस साल केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को ₹400 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ है। इस साल करीब 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान लोगों ने घोड़े- खच्चर, हेली, डंडी- कंडी सहित होटल एवं रेस्तरां पर जमकर खर्चा किया। (पढ़ें पूरी खबर)