छत्तीसगढ़ के आलोक शुक्ला को 'ग्रीन नोबल' अवॉर्ड:हसदेव अरण्य को बचाने लिए मिलेगा गोल्डमैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार; दुनियाभर से 7 लोगों का चयन

छत्तीसगढ़ के पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला को गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार 2024 दिया जाएगा। इसे ग्रीन नोबल पुरस्कार कहा जाता है। इस साल यह अवॉर्ड भारत के आलोक शुक्ला सहित दुनियाभर से 7 लोगों को प्रदान किया जा रहा है। आलोक 'हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समित' के संयोजक हैं। आलोक शुक्ला को यह पुरस्कार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में मंगलवार (29 अप्रैल) को आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा। आलोक शुक्ला को यह सम्मान मिलने पर हसदेव के आदिवासियों और जंगल बचाने में जुटे कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। इस लिए दिया जा रहा है सम्मान अवॉर्ड देने वाली संस्था गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि छत्तीसगढ़ में करीब 4,45,000 एकड़ में फैले घने हसदेव जंगल को बचाने के लिए आलोक शुक्ला ने काम किया। इस इलाके में 23 कोयला खदानें हैं। संस्था की ओर से बताया गया कि जुलाई 2022 में सरकार ने हसदेव अरण्य में 21 प्रस्तावित कोयला खदानों को रद्द कर दिया। हसदेव अरण्य को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के रूप में जाना जाता है। यह जंगल जैव विविधता से भरा हुआ है। आलोक शुक्ला ने कहा खुशी का पल अवॉर्ड लेने के लिए आलोक शुक्ला सैन फ्रांसिस्को पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह हमारे लिए खुशी का पल है। हमारे इतने वर्षों के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इस अवॉर्ड के लिए सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है, जो निश्चित ही गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि, ग्रीन नोबल पर्यावरण के लिए दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। यह सम्मान हसदेव के समृद्ध जंगल, पर्यावरण बचाने के लिए 12 वर्षों से संघर्षरत आदिवासियों और इस आंदोलन से जुड़े प्रत्येक नागरिक का है। इससे हसदेव के जमीनी संघर्ष को मजबूती मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन भी मिलेगा। इस साल का गोल्डमैन अवॉर्ड इन लोगों को मिलेगा... क्या है गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार की स्थापना 1989 में सैन फ्रांसिस्को के दिवंगत नागरिक नेताओं और परोपकारी रिचर्ड और रोडा गोल्डमैन की ओर से की गई थी। पुरस्कार विजेताओं का चयन अंतरराष्ट्रीय जूरी करती है। इसके लिए विश्व स्तर पर नामांकन मांगे जाते हैं।

छत्तीसगढ़ के आलोक शुक्ला को 'ग्रीन नोबल' अवॉर्ड:हसदेव अरण्य को बचाने लिए मिलेगा गोल्डमैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार; दुनियाभर से 7 लोगों का चयन
छत्तीसगढ़ के पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला को गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार 2024 दिया जाएगा। इसे ग्रीन नोबल पुरस्कार कहा जाता है। इस साल यह अवॉर्ड भारत के आलोक शुक्ला सहित दुनियाभर से 7 लोगों को प्रदान किया जा रहा है। आलोक 'हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समित' के संयोजक हैं। आलोक शुक्ला को यह पुरस्कार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में मंगलवार (29 अप्रैल) को आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा। आलोक शुक्ला को यह सम्मान मिलने पर हसदेव के आदिवासियों और जंगल बचाने में जुटे कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। इस लिए दिया जा रहा है सम्मान अवॉर्ड देने वाली संस्था गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि छत्तीसगढ़ में करीब 4,45,000 एकड़ में फैले घने हसदेव जंगल को बचाने के लिए आलोक शुक्ला ने काम किया। इस इलाके में 23 कोयला खदानें हैं। संस्था की ओर से बताया गया कि जुलाई 2022 में सरकार ने हसदेव अरण्य में 21 प्रस्तावित कोयला खदानों को रद्द कर दिया। हसदेव अरण्य को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के रूप में जाना जाता है। यह जंगल जैव विविधता से भरा हुआ है। आलोक शुक्ला ने कहा खुशी का पल अवॉर्ड लेने के लिए आलोक शुक्ला सैन फ्रांसिस्को पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह हमारे लिए खुशी का पल है। हमारे इतने वर्षों के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इस अवॉर्ड के लिए सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है, जो निश्चित ही गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि, ग्रीन नोबल पर्यावरण के लिए दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। यह सम्मान हसदेव के समृद्ध जंगल, पर्यावरण बचाने के लिए 12 वर्षों से संघर्षरत आदिवासियों और इस आंदोलन से जुड़े प्रत्येक नागरिक का है। इससे हसदेव के जमीनी संघर्ष को मजबूती मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन भी मिलेगा। इस साल का गोल्डमैन अवॉर्ड इन लोगों को मिलेगा... क्या है गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार की स्थापना 1989 में सैन फ्रांसिस्को के दिवंगत नागरिक नेताओं और परोपकारी रिचर्ड और रोडा गोल्डमैन की ओर से की गई थी। पुरस्कार विजेताओं का चयन अंतरराष्ट्रीय जूरी करती है। इसके लिए विश्व स्तर पर नामांकन मांगे जाते हैं।