जय देहाद्राई ने मोइत्रा के खिलाफ मानहानि केस वापस लिया:बोले- मैं शांति की पहल करने को तैयार, बशर्ते महुआ मेरे खिलाफ झूठ न फैलाएं

वकील जय देहाद्राई ने TMC नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किए मानहानि केस को वापस ले लिया है। देहाद्राई ने इसे पीस ऑफरिंग यानी अपनी तरफ से शांति की पहल बताया है। इस साल की शुरुआत में देहाद्राई ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का ये मुकदमा दाखिल किया था। इसमें उन्होंने महुआ से 2 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि जब से उन्होंने महुआ के खिलाफ संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने की शिकायत CBI में दर्ज कराई, उसके बाद से महुआ ने उनकी इमेज खराब करने के लिए कैंपेन लॉन्च कर दिया है। उन्होंने कहा कि महुआ उनके खिलाफ गलत, अभद्र और अपमानजनक बातें फैला रही हैं। देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया था देहाद्राई ने पिछले साल महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस के बाद 8 दिसंबर को महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद महुआ ने जय देहाद्राई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ केस दाखिल किया था। मुहआ ने मांग की थी कि देहाद्राई और दुबे को उनके खिलाफ फेक और अपमानजनक बातें पोस्ट करने से रोका जाए। देहाद्राई ने कहा था- महुआ की बातों से मेरी इमेज कड़वाहट से भरे पूर्व प्रेमी की बनी इस केस में देहाद्राई ने कहा था कि मोइत्रा की बातों से देहाद्राई के दोस्तों, परिवार और कलीग्स के बीच देहाद्राई की इमेज खराब हुई। इन लोगों ने देहाद्राई को ऐसे शख्स के तौर पर देखना शुरू कर दिया, जो एक रिश्ता टूटने की वजह से कड़वाहट से भर गया है और अब बदला लेने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज करा रहा है। गुरुवार को देहाद्राई के वकील ने कोर्ट में कहा कि अगर मोइत्रा देहाद्राई के खिलाफ झूठी बातें फैलाना बंद करने के लिए राजी हों, तो इस केस को यहीं खत्म किया जा सकता है। वकील ने कहा कि न्यायपालिका का समय ऐसे केस में बर्बाद करना सही है, जिसे दोनों पार्टियां मिलकर खुद खत्म कर सकते हैं। अगर केस वापस लेने से दोनों पार्टियों के बीच जंग रुक सकती है, तो ये कदम सही है। हाईकोर्ट के जज बोले- अगर दोनों पार्टियां अपना व्यवहार सुधार सकें, तो ये अच्छा होगा जज ने कहा कि अगर दोनों तरफ की लगाए गए आरोप-प्रत्यारोपों को पब्लिक डोमेन से बाहर कर दिया जाए, अगर कहीं कोई संभावना है कि दोनों पार्टियां संयमित व्यवहार कर सकें, तो बेहतर होगा। जज ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच इस विवाद से जुड़े कई केस हाईकोर्ट में पेंडिंग पड़े हैं। देहाद्राई बोले- मैं शांति की पहल करते हुए केस वापस लेना चाहता हूं कोर्ट में मौजूद देहाद्राई ने कहा कि वे बिना शर्त केस वापस ले लेंगे। देहाद्राई ने कहा कि मैं केस वापस लेना चाहता हूं। मैं अपनी तरफ से शांति की पहल करते हुए केस वापस ले लूंगा। कोर्ट ने देहाद्राई की बात मानते हुए केस को खारिज कर दिया। केस का दूसरा पहलू: डॉग हेनरी की कस्टडी को लेकर महुआ और देहाद्राई के बीच विवाद पिछले साल जब मोइत्रा और देहाद्राई के बीच विवाद शुरू हुआ तो कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया था कि देहाद्राई और महुआ कथित तौर पर रिलेशनशिप में थे। उस दौरान वे पालतू कुत्‍ते हेनरी को घर लाए थे। दोनों के अलग होने के बाद से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे। दोनों के बीच हेनरी की कस्टडी को कोर्ट में लड़ाई चल रही है। हेनरी फिलहाल महुआ के पास है। देहाद्राई उसकी कस्टडी अपने पास चाहते हैं। 20 अक्टूबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि महुआ ने कहा है कि वो हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वो संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में अपनी शिकायत वापल ले लें। ये खबरें भी पढ़ें... महुआ की सांसदी गई, लेकिन TMC ने दोबारा उतारा ममता बनर्जी ने 10 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल की सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया। कृष्णानगर लोकसभा सीट से TMC ने एक बार फिर महुआ मोइत्रा को मैदान में उतारा है। 2019 में यहीं से महुआ जीती थीं। 8 दिसंबर 2023 को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। महुआ को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दोषी पाया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें... महुआ का दावा- CBI चुनाव प्रचार में बाधा पहुंचा रही:EC को चिट्ठी लिखी- जांच एजेंसी लोगों में मेरे खिलाफ निगेटिव इमेज बना रही तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा का दावा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी CBI चुनाव प्रचार में बाधा पहुंचा रही है। महुआ ने चुनाव आयोग (EC) को चिट्ठी लिखी है, इसके मुताबिक CBI लोगों में उनके खिलाफ नकारात्मक धारणा बनाने का काम कर रही है। TMC ने महुआ को पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से उम्मीदवार बनाया है। महुआ को सवाल के बदले पैसे (कैश फॉर क्वेरी) मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने दोषी पाया था, जिसके बाद बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

जय देहाद्राई ने मोइत्रा के खिलाफ मानहानि केस वापस लिया:बोले- मैं शांति की पहल करने को तैयार, बशर्ते महुआ मेरे खिलाफ झूठ न फैलाएं
वकील जय देहाद्राई ने TMC नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किए मानहानि केस को वापस ले लिया है। देहाद्राई ने इसे पीस ऑफरिंग यानी अपनी तरफ से शांति की पहल बताया है। इस साल की शुरुआत में देहाद्राई ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का ये मुकदमा दाखिल किया था। इसमें उन्होंने महुआ से 2 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि जब से उन्होंने महुआ के खिलाफ संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने की शिकायत CBI में दर्ज कराई, उसके बाद से महुआ ने उनकी इमेज खराब करने के लिए कैंपेन लॉन्च कर दिया है। उन्होंने कहा कि महुआ उनके खिलाफ गलत, अभद्र और अपमानजनक बातें फैला रही हैं। देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया था देहाद्राई ने पिछले साल महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इस के बाद 8 दिसंबर को महुआ को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद महुआ ने जय देहाद्राई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ केस दाखिल किया था। मुहआ ने मांग की थी कि देहाद्राई और दुबे को उनके खिलाफ फेक और अपमानजनक बातें पोस्ट करने से रोका जाए। देहाद्राई ने कहा था- महुआ की बातों से मेरी इमेज कड़वाहट से भरे पूर्व प्रेमी की बनी इस केस में देहाद्राई ने कहा था कि मोइत्रा की बातों से देहाद्राई के दोस्तों, परिवार और कलीग्स के बीच देहाद्राई की इमेज खराब हुई। इन लोगों ने देहाद्राई को ऐसे शख्स के तौर पर देखना शुरू कर दिया, जो एक रिश्ता टूटने की वजह से कड़वाहट से भर गया है और अब बदला लेने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज करा रहा है। गुरुवार को देहाद्राई के वकील ने कोर्ट में कहा कि अगर मोइत्रा देहाद्राई के खिलाफ झूठी बातें फैलाना बंद करने के लिए राजी हों, तो इस केस को यहीं खत्म किया जा सकता है। वकील ने कहा कि न्यायपालिका का समय ऐसे केस में बर्बाद करना सही है, जिसे दोनों पार्टियां मिलकर खुद खत्म कर सकते हैं। अगर केस वापस लेने से दोनों पार्टियों के बीच जंग रुक सकती है, तो ये कदम सही है। हाईकोर्ट के जज बोले- अगर दोनों पार्टियां अपना व्यवहार सुधार सकें, तो ये अच्छा होगा जज ने कहा कि अगर दोनों तरफ की लगाए गए आरोप-प्रत्यारोपों को पब्लिक डोमेन से बाहर कर दिया जाए, अगर कहीं कोई संभावना है कि दोनों पार्टियां संयमित व्यवहार कर सकें, तो बेहतर होगा। जज ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच इस विवाद से जुड़े कई केस हाईकोर्ट में पेंडिंग पड़े हैं। देहाद्राई बोले- मैं शांति की पहल करते हुए केस वापस लेना चाहता हूं कोर्ट में मौजूद देहाद्राई ने कहा कि वे बिना शर्त केस वापस ले लेंगे। देहाद्राई ने कहा कि मैं केस वापस लेना चाहता हूं। मैं अपनी तरफ से शांति की पहल करते हुए केस वापस ले लूंगा। कोर्ट ने देहाद्राई की बात मानते हुए केस को खारिज कर दिया। केस का दूसरा पहलू: डॉग हेनरी की कस्टडी को लेकर महुआ और देहाद्राई के बीच विवाद पिछले साल जब मोइत्रा और देहाद्राई के बीच विवाद शुरू हुआ तो कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया था कि देहाद्राई और महुआ कथित तौर पर रिलेशनशिप में थे। उस दौरान वे पालतू कुत्‍ते हेनरी को घर लाए थे। दोनों के अलग होने के बाद से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे। दोनों के बीच हेनरी की कस्टडी को कोर्ट में लड़ाई चल रही है। हेनरी फिलहाल महुआ के पास है। देहाद्राई उसकी कस्टडी अपने पास चाहते हैं। 20 अक्टूबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि महुआ ने कहा है कि वो हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वो संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में अपनी शिकायत वापल ले लें। ये खबरें भी पढ़ें... महुआ की सांसदी गई, लेकिन TMC ने दोबारा उतारा ममता बनर्जी ने 10 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल की सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया। कृष्णानगर लोकसभा सीट से TMC ने एक बार फिर महुआ मोइत्रा को मैदान में उतारा है। 2019 में यहीं से महुआ जीती थीं। 8 दिसंबर 2023 को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। महुआ को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दोषी पाया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें... महुआ का दावा- CBI चुनाव प्रचार में बाधा पहुंचा रही:EC को चिट्ठी लिखी- जांच एजेंसी लोगों में मेरे खिलाफ निगेटिव इमेज बना रही तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा का दावा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी CBI चुनाव प्रचार में बाधा पहुंचा रही है। महुआ ने चुनाव आयोग (EC) को चिट्ठी लिखी है, इसके मुताबिक CBI लोगों में उनके खिलाफ नकारात्मक धारणा बनाने का काम कर रही है। TMC ने महुआ को पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से उम्मीदवार बनाया है। महुआ को सवाल के बदले पैसे (कैश फॉर क्वेरी) मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने दोषी पाया था, जिसके बाद बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...