तूफान मोन्था- आंध्र प्रदेश में महिला की मौत, 2 घायल:हवा की रफ्तार 100 kmph, समुद्र किनारे के घर गिरे; ओडिशा में 11 हजार का रेस्क्यू

चक्रवात मोन्था का मंगलवार शाम 7.30 बजे से आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराना (लैंडफॉल प्रोसेस) शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। इसके अगले दो घंटे में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और मछलीपट्टनम-कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश-यनम तट को अगले 2 घंटों में पार करने की संभावना है। अभी हवा की रफ्तार 90-100 kmph है, जो 110 kmph तक जा सकती है। मोन्था के कारण आंध्र प्रदेश में समुद्री लहरों से किनारों के घर गिर हैं। कई इलाकों में बिजली के तार टूट गए और पोल गिर गए हैं। इससे पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप है। कोनासीमा जिले में एक घर पर पेड़ गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। एक और घटना में नारियल पेड़ उखड़ कर गिरा। घटना में एक बच्चा और एक ऑटो ड्राइवर घायल हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात मोन्था के काकीनाडा के दक्षिण में भयंकर साइक्लोनिक स्टॉर्म में बदलने की संभावना है। समुद्र में 5 मीटर (16 फीट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इधर, ओडिशा के 8 दक्षिणी जिले गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर मोन्था से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां 11 हजार लोगों को निकाला गया है। तूफान मोन्था के असर की सैटेलाइट तस्वीर 52 फ्लाइट्स-120 ट्रेनें कैंसिल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने ​​​​मोन्था तूफान का केंद्र अभी आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से 90 km, काकीनाडा से 90 km और विशाखापट्टनम से 220 km दूर है, जो 15 kmph की रफ्तार से बढ़ रहा है। ओडिशा से तूफान बुधवार सुबह टकराएगा। इसका असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में 80-90 kmph तक हवा चल रही है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं, समुद्र तटों पर ऊंची लहरे उठ रही हैं। चारों तटीय राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सोमवार-मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की कुल 120 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। इसके अलावा विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से सभी 32 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं। वहीं, विजयवाड़ा एयरपोर्ट से 16 और तिरुपति एयरपोर्ट से 4 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं। ऐसा है तूफान मोन्था का रूट... मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान के असर से केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है। तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110kmph की रफ्तार से आंधी चल रही है। मोन्था प्रभावित राज्यों की 5 तस्वीरें... तूफान मोन्था से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

तूफान मोन्था- आंध्र प्रदेश में महिला की मौत, 2 घायल:हवा की रफ्तार 100 kmph, समुद्र किनारे के घर गिरे; ओडिशा में 11 हजार का रेस्क्यू
चक्रवात मोन्था का मंगलवार शाम 7.30 बजे से आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराना (लैंडफॉल प्रोसेस) शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। इसके अगले दो घंटे में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और मछलीपट्टनम-कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश-यनम तट को अगले 2 घंटों में पार करने की संभावना है। अभी हवा की रफ्तार 90-100 kmph है, जो 110 kmph तक जा सकती है। मोन्था के कारण आंध्र प्रदेश में समुद्री लहरों से किनारों के घर गिर हैं। कई इलाकों में बिजली के तार टूट गए और पोल गिर गए हैं। इससे पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप है। कोनासीमा जिले में एक घर पर पेड़ गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। एक और घटना में नारियल पेड़ उखड़ कर गिरा। घटना में एक बच्चा और एक ऑटो ड्राइवर घायल हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात मोन्था के काकीनाडा के दक्षिण में भयंकर साइक्लोनिक स्टॉर्म में बदलने की संभावना है। समुद्र में 5 मीटर (16 फीट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इधर, ओडिशा के 8 दक्षिणी जिले गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर मोन्था से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां 11 हजार लोगों को निकाला गया है। तूफान मोन्था के असर की सैटेलाइट तस्वीर 52 फ्लाइट्स-120 ट्रेनें कैंसिल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने ​​​​मोन्था तूफान का केंद्र अभी आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से 90 km, काकीनाडा से 90 km और विशाखापट्टनम से 220 km दूर है, जो 15 kmph की रफ्तार से बढ़ रहा है। ओडिशा से तूफान बुधवार सुबह टकराएगा। इसका असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में 80-90 kmph तक हवा चल रही है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं, समुद्र तटों पर ऊंची लहरे उठ रही हैं। चारों तटीय राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सोमवार-मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की कुल 120 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। इसके अलावा विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से सभी 32 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं। वहीं, विजयवाड़ा एयरपोर्ट से 16 और तिरुपति एयरपोर्ट से 4 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं। ऐसा है तूफान मोन्था का रूट... मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान के असर से केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है। तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110kmph की रफ्तार से आंधी चल रही है। मोन्था प्रभावित राज्यों की 5 तस्वीरें... तूफान मोन्था से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...