मोदी को खड़गे का लेटर, मेनिफेस्टो पर डिबेट की चुनौती:कांग्रेस अध्यक्ष बोले- लोग आपको सांप्रदायिक भाषण देने वाले PM के रूप में याद करेंगे
मोदी को खड़गे का लेटर, मेनिफेस्टो पर डिबेट की चुनौती:कांग्रेस अध्यक्ष बोले- लोग आपको सांप्रदायिक भाषण देने वाले PM के रूप में याद करेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगातार दूसरे गुरुवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। खड़गे ने 2 मई को लिखे लेटर में PM मोदी को कांग्रेस और भाजपा के चुनावी मेनिफेस्टो पर डिबेट की चुनौती दी है। खड़गे ने लेटर में लिखा- मैंने देखा कि आपने NDA के सभी उम्मीदवारों को पत्र लिखकर बताया है कि उन्हें वोटरों से क्या बात करनी है। चिट्ठी के लहजे से ऐसा लगता है कि आपमें बहुत हताशा और चिंता है। यह आपको ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है, जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देती। खड़गे ने आगे लिखा- वोटर्स इतने समझदार हैं कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में क्या लिखा है और किन गारंटी का वादा किया है, वह खुद पढ़ और समझ सकते हैं। हमारी गारंटी इतनी सरल और स्पष्ट है कि हमें उन्हें समझाने की जरूरत नहीं है। हमारा मेनिफेस्टो न्याय की बात करता है। हम समाज के सभी वर्गों के लिए विकास कैसे लाएंगे, मेनिफेस्टो में इसका जिक्र है। प्रधानमंत्री के तौर पर यह बेहतर होगा कि आप नफरत भरे भाषण देने के बजाय पिछले दस सालों में अपनी सरकार के काम पर वोट मांगें। खड़गे ने अपनी पिछली चिट्ठी की बातें दोहराते हुए कहा- जब चुनाव खत्म हो जाएंगे, तो लोग आपको एक ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद करेंगे, जो हार से बचने के लिए झूठ से भरे सांप्रदायिक भाषण देते थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगातार दूसरे गुरुवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। खड़गे ने 2 मई को लिखे लेटर में PM मोदी को कांग्रेस और भाजपा के चुनावी मेनिफेस्टो पर डिबेट की चुनौती दी है। खड़गे ने लेटर में लिखा- मैंने देखा कि आपने NDA के सभी उम्मीदवारों को पत्र लिखकर बताया है कि उन्हें वोटरों से क्या बात करनी है। चिट्ठी के लहजे से ऐसा लगता है कि आपमें बहुत हताशा और चिंता है। यह आपको ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है, जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देती। खड़गे ने आगे लिखा- वोटर्स इतने समझदार हैं कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में क्या लिखा है और किन गारंटी का वादा किया है, वह खुद पढ़ और समझ सकते हैं। हमारी गारंटी इतनी सरल और स्पष्ट है कि हमें उन्हें समझाने की जरूरत नहीं है। हमारा मेनिफेस्टो न्याय की बात करता है। हम समाज के सभी वर्गों के लिए विकास कैसे लाएंगे, मेनिफेस्टो में इसका जिक्र है। प्रधानमंत्री के तौर पर यह बेहतर होगा कि आप नफरत भरे भाषण देने के बजाय पिछले दस सालों में अपनी सरकार के काम पर वोट मांगें। खड़गे ने अपनी पिछली चिट्ठी की बातें दोहराते हुए कहा- जब चुनाव खत्म हो जाएंगे, तो लोग आपको एक ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद करेंगे, जो हार से बचने के लिए झूठ से भरे सांप्रदायिक भाषण देते थे।