कर्नाटक में सूखे से निपटने के लिए केंद्र फंड देगा:चुनाव आयोग ने मंजूरी दी; सिद्धारमैया बोले- मामले में दखल के लिए SC का शुक्रिया

कर्नाटक में सूखे से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने फंड देने का ऐलान किया है। देश में आम चुनाव चल रहे हैं और आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में सरकार कोई ऐलान, घोषणा या फैसला नहीं ले सकती। लिहाजा कर्नाटक को फंडिंग के लिए चुनाव आयोग (EC) ने केंद्र को क्लीयरेंस दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने के लिए शुक्रिया जताया। केंद्र ने सोमवार 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयोग की मंजूरी की जानकारी दी। कर्नाटक सरकार ने सूखे से निपटने के लिए राहत राशि देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई की थी। कर्नाटक सरकार ने सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स (NDRF) से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी। केंद्र की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा- चुनाव आयोग ने सरकार को मंजूरी दे दी है। मुझे लगता है कि यह युद्धस्तर पर होगा। कर्नाटक के 236 में से 223 तालुकों में सूखा घोषित सिद्धारमैया ने 23 मार्च को कहा कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्य को केंद्र सरकार से फंड नहीं मिल रहा है। केंद्र से नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (NDRF) रिलीज करवाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सिद्धारमैया ने ये भी कहा था कि हम पिछले 5 महीने से फंड का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारी पानी की किल्लत दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट केंद्र को फंड रिलीज करने का निर्देश दें। हमने राज्य के 236 तालुकों में से 223 तालुकों में सूखा घोषित किया था। हमने इसका चार बार इवेल्युएशन भी किया। 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि फसलें बर्बाद हो गईं। हमने केंद्र को फंड के लिए तीन बार ज्ञापन भेजे, लेकिन हमें अब तक एक पैसा भी नहीं मिला। हम अपने राज्य के ट्रेजरी से 650 करोड़ रुपए सूखे के लिए रिलीज कर चुके हैं। इससे 33.44 लाख किसानों को 2-2 हजार रुपए पहुंचाए गए हैं। हमें और फंड की जरूरत है, इसलिए केंद्र से मांग कर रहे हैं। बेंगलुरु में गंभीर जल संकट देश में तीसरी सबसे अधिक ‎‎आबादी वाले शहर बेंगलुरु में भी जल संकट ‎‎गहराया हुआ है। इस कारण यहां रहने वाले ‎‎करीब 1.4 करोड़ लोगों में से एक वर्ग ‎‎वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए ‎‎मजबूर है। कई लोग शहर से पलायन‎ करने लगे हैं। दूसरी ओर जो लोग घर ‎‎खरीदना चाहते थे, वे अपना मन बदलने ‎‎लगे हैं। इसके अलावा संस्थाओं, हाउसिंग ‎‎सोसाइटी, कंपनियों और लोगों ने भी संकट‎ के हिसाब से ढलने और पानी बचाने के ‎‎उपायों पर काम शुरू कर दिया है। लोग नलों‎ पर पानी बचाने वाले उपकरण लगाने से ‎‎लेकर हाथ और बर्तन धोने के लिए कैन ‎का इस्तेमाल कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें... ये खबर भी पढ़ें... बेंगलुरु में मुख्यमंत्री भी टैंकर के भरोसे: अचानक क्यों सूख गए बोरवेल ​​​​​​​कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार के बेंगलुरु स्थित घर का बोरवेल सूख चुका है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास पर भी पानी का टैंकर जाते देखा गया। सरकार में सबसे उच्च पद पर बैठे दोनों नेताओं का हाल देखकर शहर के आम लोगों की मुश्किलों का अंदाजा लगाना बेहद आसान है।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें... ​​​​​​​

कर्नाटक में सूखे से निपटने के लिए केंद्र फंड देगा:चुनाव आयोग ने मंजूरी दी; सिद्धारमैया बोले- मामले में दखल के लिए SC का शुक्रिया
कर्नाटक में सूखे से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने फंड देने का ऐलान किया है। देश में आम चुनाव चल रहे हैं और आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में सरकार कोई ऐलान, घोषणा या फैसला नहीं ले सकती। लिहाजा कर्नाटक को फंडिंग के लिए चुनाव आयोग (EC) ने केंद्र को क्लीयरेंस दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने के लिए शुक्रिया जताया। केंद्र ने सोमवार 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयोग की मंजूरी की जानकारी दी। कर्नाटक सरकार ने सूखे से निपटने के लिए राहत राशि देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई की थी। कर्नाटक सरकार ने सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स (NDRF) से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी। केंद्र की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा- चुनाव आयोग ने सरकार को मंजूरी दे दी है। मुझे लगता है कि यह युद्धस्तर पर होगा। कर्नाटक के 236 में से 223 तालुकों में सूखा घोषित सिद्धारमैया ने 23 मार्च को कहा कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्य को केंद्र सरकार से फंड नहीं मिल रहा है। केंद्र से नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (NDRF) रिलीज करवाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सिद्धारमैया ने ये भी कहा था कि हम पिछले 5 महीने से फंड का इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारी पानी की किल्लत दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट केंद्र को फंड रिलीज करने का निर्देश दें। हमने राज्य के 236 तालुकों में से 223 तालुकों में सूखा घोषित किया था। हमने इसका चार बार इवेल्युएशन भी किया। 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि फसलें बर्बाद हो गईं। हमने केंद्र को फंड के लिए तीन बार ज्ञापन भेजे, लेकिन हमें अब तक एक पैसा भी नहीं मिला। हम अपने राज्य के ट्रेजरी से 650 करोड़ रुपए सूखे के लिए रिलीज कर चुके हैं। इससे 33.44 लाख किसानों को 2-2 हजार रुपए पहुंचाए गए हैं। हमें और फंड की जरूरत है, इसलिए केंद्र से मांग कर रहे हैं। बेंगलुरु में गंभीर जल संकट देश में तीसरी सबसे अधिक ‎‎आबादी वाले शहर बेंगलुरु में भी जल संकट ‎‎गहराया हुआ है। इस कारण यहां रहने वाले ‎‎करीब 1.4 करोड़ लोगों में से एक वर्ग ‎‎वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए ‎‎मजबूर है। कई लोग शहर से पलायन‎ करने लगे हैं। दूसरी ओर जो लोग घर ‎‎खरीदना चाहते थे, वे अपना मन बदलने ‎‎लगे हैं। इसके अलावा संस्थाओं, हाउसिंग ‎‎सोसाइटी, कंपनियों और लोगों ने भी संकट‎ के हिसाब से ढलने और पानी बचाने के ‎‎उपायों पर काम शुरू कर दिया है। लोग नलों‎ पर पानी बचाने वाले उपकरण लगाने से ‎‎लेकर हाथ और बर्तन धोने के लिए कैन ‎का इस्तेमाल कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें... ये खबर भी पढ़ें... बेंगलुरु में मुख्यमंत्री भी टैंकर के भरोसे: अचानक क्यों सूख गए बोरवेल ​​​​​​​कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार के बेंगलुरु स्थित घर का बोरवेल सूख चुका है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास पर भी पानी का टैंकर जाते देखा गया। सरकार में सबसे उच्च पद पर बैठे दोनों नेताओं का हाल देखकर शहर के आम लोगों की मुश्किलों का अंदाजा लगाना बेहद आसान है।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें... ​​​​​​​