26 हजार नियुक्तियां रद्द होने से शिक्षकों का संकट:बंगाल में कहीं 2200 बच्चों को पढ़ा रहे 18 शिक्षक, कहीं 24 पर 10 हजार का बोझ
26 हजार नियुक्तियां रद्द होने से शिक्षकों का संकट:बंगाल में कहीं 2200 बच्चों को पढ़ा रहे 18 शिक्षक, कहीं 24 पर 10 हजार का बोझ
पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले का असर अब दिखने लगा है। राज्य के करीब 1300 सरकारी स्कूलों के ज्यादातर शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द हुईं हैं। अब ये स्कूल शिक्षकविहीन हो गए हैं। इसके चलते बंगाल सरकार और अभिभावक परेशान हैं। कई स्कूलों में गणित, विज्ञान जैसे अहम विषयों के भी शिक्षक नहीं बचे हैं। खासकर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की स्थिति खराब है। इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और सोमवार को सुनवाई होनी है। दरअसल पश्चिम बंगाल में के स्कूलों पहले ही छात्रों और शिक्षकों का अनुपात 30:1 है, जो तय अनुपात 40:1 से कम है। अब एक साथ इतनी नौकरियां जाने के बाद तस्वीर और दयनीय हो गई है। 60 हजार प्राइमरी शिक्षकों पर भी लटक रही तलवार
पश्चिम बंगाल में अब टेट यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट 2014 के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है। इसमें भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में विचाराधीन है। हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मांथा ने सीबीआई को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में ओएमआर शीट से संबंधित तथ्य नहीं मिले तो इस परीक्षा को भी रद्द किया जाएगा। 2014 में टेट में लाखों उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। रिजल्ट 2015 में आया और 2016 में 60 हजार को नौकरी मिली थी। बीते साल जून में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 2016 में भर्ती किए गए 42,500 प्राथमिक शिक्षकों में से 36,000 की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश के मुताबिक इन 36 हजार शिक्षकों में से किसी के पास प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती होने के लिए किसी तरह का कोई प्रशिक्षण नहीं था। गणित, विज्ञान के शिक्षक नहीं, 18 टीचर्स पर 2200 छात्रों का बोझ
दक्षिण 24-परगना जिले के भांगड़ पोलेरहाट हाईस्कूल के 39 में से 6 शिक्षकों की नौकरी चली गई है। स्कूल के प्रिंसिपल संदीप सरकार कहते हैं कि इन छह लोगों में फिजिक्स, गणित और बायोलॉजी के शिक्षक भी शामिल हैं। स्कूल के टीचर्स इंचार्ज तोहा मंडल सवाल करते हैं कि महज 18 शिक्षक 2200 छात्रों को कैसे पढ़ाएंगे। 60 में से 36 शिक्षकों की नौकरी गई, बच्चों को पढ़ाना मुश्किल कलकत्ता HC ने 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (22 अप्रैल) को 2016 में की गई 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया है। बंगाल सरकार ने कहा- शिक्षकों को अप्रैल की सैलरी देंगे
बंगाल सरकार ने कहा कि वह उन सभी 25,753 शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ को अप्रैल के वेतन का भुगतान करेगी, जिनकी नियुक्तियां रद्द की गई हैं। राज्य सरकार ने कहा कि सभी कर्मचारियों ने लगभग पूरे अप्रैल काम किया है। इसलिए मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सभी को सैलरी दी जाएगी। क्या हैं बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला?
पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती किया था। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अर्पिता पेशे से मॉडल थीं।
पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा 25,753 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले का असर अब दिखने लगा है। राज्य के करीब 1300 सरकारी स्कूलों के ज्यादातर शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द हुईं हैं। अब ये स्कूल शिक्षकविहीन हो गए हैं। इसके चलते बंगाल सरकार और अभिभावक परेशान हैं। कई स्कूलों में गणित, विज्ञान जैसे अहम विषयों के भी शिक्षक नहीं बचे हैं। खासकर 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की स्थिति खराब है। इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और सोमवार को सुनवाई होनी है। दरअसल पश्चिम बंगाल में के स्कूलों पहले ही छात्रों और शिक्षकों का अनुपात 30:1 है, जो तय अनुपात 40:1 से कम है। अब एक साथ इतनी नौकरियां जाने के बाद तस्वीर और दयनीय हो गई है। 60 हजार प्राइमरी शिक्षकों पर भी लटक रही तलवार
पश्चिम बंगाल में अब टेट यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट 2014 के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है। इसमें भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में विचाराधीन है। हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मांथा ने सीबीआई को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में ओएमआर शीट से संबंधित तथ्य नहीं मिले तो इस परीक्षा को भी रद्द किया जाएगा। 2014 में टेट में लाखों उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। रिजल्ट 2015 में आया और 2016 में 60 हजार को नौकरी मिली थी। बीते साल जून में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 2016 में भर्ती किए गए 42,500 प्राथमिक शिक्षकों में से 36,000 की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश के मुताबिक इन 36 हजार शिक्षकों में से किसी के पास प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती होने के लिए किसी तरह का कोई प्रशिक्षण नहीं था। गणित, विज्ञान के शिक्षक नहीं, 18 टीचर्स पर 2200 छात्रों का बोझ
दक्षिण 24-परगना जिले के भांगड़ पोलेरहाट हाईस्कूल के 39 में से 6 शिक्षकों की नौकरी चली गई है। स्कूल के प्रिंसिपल संदीप सरकार कहते हैं कि इन छह लोगों में फिजिक्स, गणित और बायोलॉजी के शिक्षक भी शामिल हैं। स्कूल के टीचर्स इंचार्ज तोहा मंडल सवाल करते हैं कि महज 18 शिक्षक 2200 छात्रों को कैसे पढ़ाएंगे। 60 में से 36 शिक्षकों की नौकरी गई, बच्चों को पढ़ाना मुश्किल कलकत्ता HC ने 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (22 अप्रैल) को 2016 में की गई 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया है। बंगाल सरकार ने कहा- शिक्षकों को अप्रैल की सैलरी देंगे
बंगाल सरकार ने कहा कि वह उन सभी 25,753 शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ को अप्रैल के वेतन का भुगतान करेगी, जिनकी नियुक्तियां रद्द की गई हैं। राज्य सरकार ने कहा कि सभी कर्मचारियों ने लगभग पूरे अप्रैल काम किया है। इसलिए मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सभी को सैलरी दी जाएगी। क्या हैं बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला?
पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती किया था। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अर्पिता पेशे से मॉडल थीं।