अयोध्या राम मंदिर का ध्वज आंधी-तूफान में भी फहराएगा:360 डिग्री पर घूमेगा; PM मोदी के पहुंचने पर 2 घंटे नहीं होंगे रामलला के दर्शन

अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तय समय में बनकर तैयार हो चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के 1 साल 9 महीने के बाद अयोध्या में एक बार फिर बड़ा आयोजन होगा। खुद PM नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को धर्मध्वजा फहराएंगे। केसरिया रंग की खास ध्वजा पर सूर्य, ॐ और कोविदार (अयोध्या का शाही वृक्ष, जो कचनार के नाम से जाना जाता है) वृक्ष के प्रतीक बने हुए हैं। राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फीट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया है। इसी स्तंभ पर 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी पताका फराएगी। ध्वज 60 Km/घंटा तक की तेज हवाओं को झेल सकेगा। आंधी-तूफान में उसे कोई नुकसान नहीं होगा। 360 डिग्री पर घूम भी सकेगा। प्रधानमंत्री 8 और मंदिरों के शिखरों पर भी ध्वजारोहण करेंगे। ध्वजारोहण के बाद श्रद्धालुओं के लिए 70 एकड़ परिसर में बने इन मंदिरों के दर्शन भी शुरू हो जाएंगे। यह आयोजन राम मंदिर के पूर्ण होने का प्रतीक है। 21 नवंबर से आयोजन शुरू होंगे। मुख्य आयोजन 25 नवंबर को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.30 तक चलेगा। इस दौरान लोग रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे। पढ़िए कब क्या होगा… आज ध्वजा की टेस्ट रिपोर्ट आएगी ट्रस्ट ध्वज को कई एजेंसियों से तैयार करवा रही है। आज यानी 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति की बैठक में टे​स्ट रिपोर्ट पेश की जानी है। इसके आधार पर ध्वज के लिए कपड़े का अंतिम चयन किया जाएगा। राम मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज-स्तंभ 360 डिग्री घूमने वाले बॉल-बेयरिंग पर बनाया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ध्वज 60 Km/घंटा तक की तेज हवाओं को झेल सकेगा। ध्वज के कपड़े की गुणवत्ता को इसी आधार पर देखा जा रहा है। 10 हजार मेहमान, 3 हजार कमरे होटलों में बुक श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक, PM नरेंद्र मोदी मंदिर के आठों शिखरों पर ध्वजारोहण करेंगे। 4 दिन तक विशेष आयोजन होंगे। इसमें RSS प्रमुख मोहन भागवत और BJP के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस बार देशभर से सेलिब्रिटी नहीं, बल्कि अयोध्या और आसपास के जिलों से श्रद्धालु आमंत्रित किए जा रहे हैं। देश-विदेश से करीब 10 हजार मेहमान आ रहे हैं, संत, साधु के साथ VIP गेस्ट भी शामिल होंगे। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने करीब 3 हजार होटल रूम, गेस्ट हाउस, होम स्टे बुक करा लिए हैं। बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इसके बाद 5 जून, 2025 को पहली मंजिल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया था। हालांकि उसमें VIP गेस्ट नहीं बुलाए गए थे। दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट गाइड आयोजित होगी ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र कहते हैं- ध्वजारोहण का ट्रायल किया गया है। यह आयोजन मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। ध्वजारोहण के बाद BJP की ओर से 'विकसित उत्तर प्रदेश अभियान' की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट-गाइड जम्बूरी आयोजित होगी, इसमें करीब 35 हजार कैडेट्स शामिल होंगे। 8 और मंदिरों पर ध्वजारोहण से पहले विशेष पूजा राम मंदिर परिसर के शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर समेत 8 मंदिरों पर भी ध्वजारोहण किया जाएगा। सभी 7 मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और हवन किया जाएगा। राम मंदिर ने आयोजन को लेकर मैसेज भी पोस्ट किया अब राम मंदिर आयोजन की सिक्योरिटी जानिए…. सिर्फ कार्ड वाले गेस्ट को एंट्री, आधार से लिंक होगी ध्वजारोहण समारोह के दौरान मंदिर परिसर में सिक्योरिटी चेक से गुजरे बिना कोई एंट्री नहीं ले सकेगा। VIP के अतिरिक्त सिर्फ वहीं गेस्ट अंदर आ सकेंगे, जिन्हें ट्रस्ट का आमंत्रण मिला है। ट्रस्ट ने भेजने से पहले सुरक्षा चेक का ध्यान रखा है। प्राण प्रतिष्ठा की तरह आमंत्रण कार्ड पर एक कोड लिखा गया है। अतिथियों के प्रवेश के लिए एक पास भी जारी किया जाएगा, जिस पर गेस्ट की डिटेल लिखी रहेगी। साथ ही, इस पर प्रवेश द्वार का नाम, पार्किंग स्थल, आयोजन स्थल पर बैठने का क्रम लिखा रहेगा। ट्रस्ट इन पास को आधारकार्ड के आधार पर जारी कर रही है। इसीलिए गेस्ट से संपर्क करके उनके आधार नंबर भी मांगे जा रहे हैं। यह व्यवस्था इसलिए अपनाई जा रही कि अगर किसी अतिथि का आमंत्रण पत्र किसी के हाथ लग भी जाए तो वह प्रवेश न कर सके। ..................... ये भी पढ़ें - अयोध्या में राममंदिर का कंस्ट्रक्शन पूरा, परकोटे के 6 मंदिर बने, जटायू और गिलहरी की मूर्ति लगीं, PM मोदी 25 नवंबर को ध्वज लगाएंगे अयोध्या में राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो गया है। मुख्य मंदिर के साथ ही परकोटा के 6 मंदिर भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर भी पूरे हो चुके हैं। इन पर ध्वजदंड और कलश स्थापित हो चुके हैं। सप्त ऋषियों के मंदिरों का भी निर्माण पूरा कर लिया गया है। पढ़िए पूरी खबर...

अयोध्या राम मंदिर का ध्वज आंधी-तूफान में भी फहराएगा:360 डिग्री पर घूमेगा; PM मोदी के पहुंचने पर 2 घंटे नहीं होंगे रामलला के दर्शन
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तय समय में बनकर तैयार हो चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के 1 साल 9 महीने के बाद अयोध्या में एक बार फिर बड़ा आयोजन होगा। खुद PM नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को धर्मध्वजा फहराएंगे। केसरिया रंग की खास ध्वजा पर सूर्य, ॐ और कोविदार (अयोध्या का शाही वृक्ष, जो कचनार के नाम से जाना जाता है) वृक्ष के प्रतीक बने हुए हैं। राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फीट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया है। इसी स्तंभ पर 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी पताका फराएगी। ध्वज 60 Km/घंटा तक की तेज हवाओं को झेल सकेगा। आंधी-तूफान में उसे कोई नुकसान नहीं होगा। 360 डिग्री पर घूम भी सकेगा। प्रधानमंत्री 8 और मंदिरों के शिखरों पर भी ध्वजारोहण करेंगे। ध्वजारोहण के बाद श्रद्धालुओं के लिए 70 एकड़ परिसर में बने इन मंदिरों के दर्शन भी शुरू हो जाएंगे। यह आयोजन राम मंदिर के पूर्ण होने का प्रतीक है। 21 नवंबर से आयोजन शुरू होंगे। मुख्य आयोजन 25 नवंबर को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.30 तक चलेगा। इस दौरान लोग रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे। पढ़िए कब क्या होगा… आज ध्वजा की टेस्ट रिपोर्ट आएगी ट्रस्ट ध्वज को कई एजेंसियों से तैयार करवा रही है। आज यानी 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति की बैठक में टे​स्ट रिपोर्ट पेश की जानी है। इसके आधार पर ध्वज के लिए कपड़े का अंतिम चयन किया जाएगा। राम मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज-स्तंभ 360 डिग्री घूमने वाले बॉल-बेयरिंग पर बनाया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ध्वज 60 Km/घंटा तक की तेज हवाओं को झेल सकेगा। ध्वज के कपड़े की गुणवत्ता को इसी आधार पर देखा जा रहा है। 10 हजार मेहमान, 3 हजार कमरे होटलों में बुक श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक, PM नरेंद्र मोदी मंदिर के आठों शिखरों पर ध्वजारोहण करेंगे। 4 दिन तक विशेष आयोजन होंगे। इसमें RSS प्रमुख मोहन भागवत और BJP के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस बार देशभर से सेलिब्रिटी नहीं, बल्कि अयोध्या और आसपास के जिलों से श्रद्धालु आमंत्रित किए जा रहे हैं। देश-विदेश से करीब 10 हजार मेहमान आ रहे हैं, संत, साधु के साथ VIP गेस्ट भी शामिल होंगे। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने करीब 3 हजार होटल रूम, गेस्ट हाउस, होम स्टे बुक करा लिए हैं। बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इसके बाद 5 जून, 2025 को पहली मंजिल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया था। हालांकि उसमें VIP गेस्ट नहीं बुलाए गए थे। दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट गाइड आयोजित होगी ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र कहते हैं- ध्वजारोहण का ट्रायल किया गया है। यह आयोजन मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। ध्वजारोहण के बाद BJP की ओर से 'विकसित उत्तर प्रदेश अभियान' की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत दुनिया की सबसे बड़ी स्काउट-गाइड जम्बूरी आयोजित होगी, इसमें करीब 35 हजार कैडेट्स शामिल होंगे। 8 और मंदिरों पर ध्वजारोहण से पहले विशेष पूजा राम मंदिर परिसर के शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर समेत 8 मंदिरों पर भी ध्वजारोहण किया जाएगा। सभी 7 मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और हवन किया जाएगा। राम मंदिर ने आयोजन को लेकर मैसेज भी पोस्ट किया अब राम मंदिर आयोजन की सिक्योरिटी जानिए…. सिर्फ कार्ड वाले गेस्ट को एंट्री, आधार से लिंक होगी ध्वजारोहण समारोह के दौरान मंदिर परिसर में सिक्योरिटी चेक से गुजरे बिना कोई एंट्री नहीं ले सकेगा। VIP के अतिरिक्त सिर्फ वहीं गेस्ट अंदर आ सकेंगे, जिन्हें ट्रस्ट का आमंत्रण मिला है। ट्रस्ट ने भेजने से पहले सुरक्षा चेक का ध्यान रखा है। प्राण प्रतिष्ठा की तरह आमंत्रण कार्ड पर एक कोड लिखा गया है। अतिथियों के प्रवेश के लिए एक पास भी जारी किया जाएगा, जिस पर गेस्ट की डिटेल लिखी रहेगी। साथ ही, इस पर प्रवेश द्वार का नाम, पार्किंग स्थल, आयोजन स्थल पर बैठने का क्रम लिखा रहेगा। ट्रस्ट इन पास को आधारकार्ड के आधार पर जारी कर रही है। इसीलिए गेस्ट से संपर्क करके उनके आधार नंबर भी मांगे जा रहे हैं। यह व्यवस्था इसलिए अपनाई जा रही कि अगर किसी अतिथि का आमंत्रण पत्र किसी के हाथ लग भी जाए तो वह प्रवेश न कर सके। ..................... ये भी पढ़ें - अयोध्या में राममंदिर का कंस्ट्रक्शन पूरा, परकोटे के 6 मंदिर बने, जटायू और गिलहरी की मूर्ति लगीं, PM मोदी 25 नवंबर को ध्वज लगाएंगे अयोध्या में राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो गया है। मुख्य मंदिर के साथ ही परकोटा के 6 मंदिर भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती, देवी अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिर भी पूरे हो चुके हैं। इन पर ध्वजदंड और कलश स्थापित हो चुके हैं। सप्त ऋषियों के मंदिरों का भी निर्माण पूरा कर लिया गया है। पढ़िए पूरी खबर...