कर्नाटक हाईकोर्ट ने RSS से जुड़ा सरकार का आदेश पलटा:कैबिनेट ने पब्लिक प्लेस पर 10 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने रोक लगाई थी

कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें बिना परमिशन के सार्वजनिक जगहों पर आरएसएस के शाखा लगाने और 10 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने या कार्यक्रम करने पर रोक लगाई थी। राज्य सरकार का यह फैसला कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के उस सुझाव के बाद आया था, जिसमें उन्होंने RSS की सार्वजनिक जगहों पर गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद कैबिनेट ने 18 अक्टूबर ये फैसला दिया था। हाईकोर्ट के अंतरिम रोक वाले आदेश पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील करेगी। मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर होगी। जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने पूछा कि क्या कर्नाटक सरकार इस आदेश से कुछ और हासिल करना चाहती है? हाईकोर्ट ने सरकार को मामले पर दलील देने के लिए एक दिन का समय दिया और राज्य सरकार समेत होम डिपार्टमेंट, DGP, हुबली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हुबली की पुनश्चितना सेवा संस्था ने याचिका दायर की थी। सीनियर एडवोकेट अशोक हरनहल्ली ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने जो नियम बनाया है, वह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। हरनहल्ली ने कहा कि सरकारी आदेश के अनुसार अगर कोई पार्टी पार्क या मैदान में भी आयोजित हो, और वहां 10 से ज्यादा लोग इकट्ठा हों, तो इसे गैर-कानूनी माना जाएगा। उन्होंने यह भी पूछा कि जब पहले से पुलिस एक्ट लागू है तो इस तरह का नया आदेश क्यों बनाया गया। ऑर्डर में कहा गया है कि सरकार ने बिना अनुमति के 10 या उससे अधिक लोगों के जमावड़े को अपराध मानकर सार्वजनिक जगहों जैसे सड़कों, पार्कों, मैदानों और झीलों में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संविधान द्वारा मिले अधिकारों को किसी भी सरकारी आदेश के माध्यम से छीना नहीं जा सकता। पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में आरएसएस गतिविधियों पर बैन लगाने की मांग की जा रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने संघ की गतिविधियों पर कंट्रोल के लिए नियम बनाने का फैसला किया था। कर्नाटक सरकार और आरएसएस के बीच विवाद से जुड़ी कुछ अन्य खबरें... 20 अक्टूबर- कर्नाटक के चित्तपुर में RSS के मार्च को परमिशन नहीं, प्रियांक खड़गे बोले- RSS कार्यकर्ताओं ने गाली-धमकी दी कर्नाटक के चित्तपुर में होने वाली RSS और भीम आर्मी के मार्च को प्रशासन ने परमिशन देने से इनकार कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि एक ही दिन दो बड़े संगठनों के रूट मार्च से इलाके में तनाव पैदा हो सकता है, जिससे शांति भंग होने का खतरा है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने RSS से जुड़ा सरकार का आदेश पलटा:कैबिनेट ने पब्लिक प्लेस पर 10 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने रोक लगाई थी
कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें बिना परमिशन के सार्वजनिक जगहों पर आरएसएस के शाखा लगाने और 10 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने या कार्यक्रम करने पर रोक लगाई थी। राज्य सरकार का यह फैसला कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के उस सुझाव के बाद आया था, जिसमें उन्होंने RSS की सार्वजनिक जगहों पर गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद कैबिनेट ने 18 अक्टूबर ये फैसला दिया था। हाईकोर्ट के अंतरिम रोक वाले आदेश पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील करेगी। मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर होगी। जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने पूछा कि क्या कर्नाटक सरकार इस आदेश से कुछ और हासिल करना चाहती है? हाईकोर्ट ने सरकार को मामले पर दलील देने के लिए एक दिन का समय दिया और राज्य सरकार समेत होम डिपार्टमेंट, DGP, हुबली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हुबली की पुनश्चितना सेवा संस्था ने याचिका दायर की थी। सीनियर एडवोकेट अशोक हरनहल्ली ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने जो नियम बनाया है, वह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। हरनहल्ली ने कहा कि सरकारी आदेश के अनुसार अगर कोई पार्टी पार्क या मैदान में भी आयोजित हो, और वहां 10 से ज्यादा लोग इकट्ठा हों, तो इसे गैर-कानूनी माना जाएगा। उन्होंने यह भी पूछा कि जब पहले से पुलिस एक्ट लागू है तो इस तरह का नया आदेश क्यों बनाया गया। ऑर्डर में कहा गया है कि सरकार ने बिना अनुमति के 10 या उससे अधिक लोगों के जमावड़े को अपराध मानकर सार्वजनिक जगहों जैसे सड़कों, पार्कों, मैदानों और झीलों में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संविधान द्वारा मिले अधिकारों को किसी भी सरकारी आदेश के माध्यम से छीना नहीं जा सकता। पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में आरएसएस गतिविधियों पर बैन लगाने की मांग की जा रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने संघ की गतिविधियों पर कंट्रोल के लिए नियम बनाने का फैसला किया था। कर्नाटक सरकार और आरएसएस के बीच विवाद से जुड़ी कुछ अन्य खबरें... 20 अक्टूबर- कर्नाटक के चित्तपुर में RSS के मार्च को परमिशन नहीं, प्रियांक खड़गे बोले- RSS कार्यकर्ताओं ने गाली-धमकी दी कर्नाटक के चित्तपुर में होने वाली RSS और भीम आर्मी के मार्च को प्रशासन ने परमिशन देने से इनकार कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि एक ही दिन दो बड़े संगठनों के रूट मार्च से इलाके में तनाव पैदा हो सकता है, जिससे शांति भंग होने का खतरा है।