जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लैंडस्लाइड और बाढ़:5 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लैंडस्लाइड और बाढ़ से 5 लोगों की मौत हो गई। यहां रविवार रात से ही बारिश हो रही है। राज्य के पहाड़ों पर बर्फबारी भी जारी है। कई घरों को नुकसान पहुंचा है और सैकड़ों रहवासी प्रभावित हुए हैं। जम्मू क्षेत्र के डोडा, रियासी, किश्तवाड़, रामबन और कश्मीर के किश्तवाड़ सहित कई पहाड़ी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन हुआ है। कल, रामबन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन के बाद श्रीनगर-जम्मू बंद कर दिया गया था। बाढ़ ने कुपवाड़ा जिले में शूमरियाल ब्रिज, खुमरियाल ब्रिज, शतमुकम ब्रिज, सोहिपोरा-हैहामा ब्रिज, फारक्यान ब्रिज, कुपवाड़ा में दो ग्रामीण विकास विभाग भवन और सहायक निदेशक हस्तशिल्प कार्यालय भवन को नुकसान पहुंचाया है। शुमर्याल- गुंडाझांगर सड़क टूट गई है। डोबन कछामा बांध में दरार आ गई है। कुपवाड़ा में अब स्थिति में सुधार होना शुरू हो गया है। जल स्तर घट रहा है और लोग अपने टूटे घरों में लौट रहे हैं। कल अचानक आई बाढ़ के कारण सड़क का एक हिस्सा बह गया और कई घरों में घुटनों तक पानी भर गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि समय पर राहत टीम पहुंचने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जानें बच गई। हंदवाड़ा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अजीज अहमद ने कहा, हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बाढ़ में हमने सब कुछ खो दिया है, हमें भोजन और कपड़े की जरूरत है।लगातार बारिश के कारण श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के कुछ हिस्से पानी में डूबे हुए हैं। श्रीनगर शहर और कश्मीर घाटी के अन्य निचले इलाकों में जलभराव से कई क्षेत्र प्रभावित हुए। जम्मू कश्मीर में रविवार (28 अप्रैल) से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। बीते तीन दिनों से लगातार जारी भारी बारिश के कारण कश्मीर में सड़कें और निचले इलाकों में पानी भर गया है। ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के चलते तापमान में 5 से 10 डिग्री तक गिरावट आई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक बीते 5 दिनों में खर्मीर के बनिहाल में सबसे ज्यादा 156.4 मिमी, काजीगुंड में 137.8 मिमी, पहलगाम में 133.5 मिमी और श्रीनगर में 98.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के ताजा अनुमान की माने तो अगले 24 घंटों रुक रुककर बारिश होगी। हालांकि इसके बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है। 1 से 5 मई तक मौसम साफ रहेगा,लेकिन कुछ इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं, कुछ इलाकों में 6 और 7 मई को छिटपुट बारिश के अनुमान है। खराब मौसम के मद्देनजर मौसम विज्ञान केन्द्र श्रीनगर ने किसानों को 1 मई तक खेती संबंधी काम नहीं करने की सलाह दी है। पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड की चेतावनी भी जारी की गई है।बर्फबारी के चलते अगले दो दिनों तक पहाड़ी इलाकों में आवागमन प्रभावित रह सकता है। वहीं निचले इलाकों में जलभराव का संकट बना हुआ है।कश्मीर में स्कूलों की छुट्टियां कर दी गईं हैं। श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे और मुगल रोड सहित प्रमुख सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद है। बारिश के चलते अधिकांश नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। अधिकारियों ने बाढ़ के खतरे से इनकार किया है।लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए नदियों के किनारे बचाव दल तैनात किए गए हैं। साथ ही लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लैंडस्लाइड और बाढ़:5 लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लैंडस्लाइड और बाढ़ से 5 लोगों की मौत हो गई। यहां रविवार रात से ही बारिश हो रही है। राज्य के पहाड़ों पर बर्फबारी भी जारी है। कई घरों को नुकसान पहुंचा है और सैकड़ों रहवासी प्रभावित हुए हैं। जम्मू क्षेत्र के डोडा, रियासी, किश्तवाड़, रामबन और कश्मीर के किश्तवाड़ सहित कई पहाड़ी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन हुआ है। कल, रामबन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन के बाद श्रीनगर-जम्मू बंद कर दिया गया था। बाढ़ ने कुपवाड़ा जिले में शूमरियाल ब्रिज, खुमरियाल ब्रिज, शतमुकम ब्रिज, सोहिपोरा-हैहामा ब्रिज, फारक्यान ब्रिज, कुपवाड़ा में दो ग्रामीण विकास विभाग भवन और सहायक निदेशक हस्तशिल्प कार्यालय भवन को नुकसान पहुंचाया है। शुमर्याल- गुंडाझांगर सड़क टूट गई है। डोबन कछामा बांध में दरार आ गई है। कुपवाड़ा में अब स्थिति में सुधार होना शुरू हो गया है। जल स्तर घट रहा है और लोग अपने टूटे घरों में लौट रहे हैं। कल अचानक आई बाढ़ के कारण सड़क का एक हिस्सा बह गया और कई घरों में घुटनों तक पानी भर गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि समय पर राहत टीम पहुंचने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जानें बच गई। हंदवाड़ा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अजीज अहमद ने कहा, हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बाढ़ में हमने सब कुछ खो दिया है, हमें भोजन और कपड़े की जरूरत है।लगातार बारिश के कारण श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के कुछ हिस्से पानी में डूबे हुए हैं। श्रीनगर शहर और कश्मीर घाटी के अन्य निचले इलाकों में जलभराव से कई क्षेत्र प्रभावित हुए। जम्मू कश्मीर में रविवार (28 अप्रैल) से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। बीते तीन दिनों से लगातार जारी भारी बारिश के कारण कश्मीर में सड़कें और निचले इलाकों में पानी भर गया है। ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के चलते तापमान में 5 से 10 डिग्री तक गिरावट आई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक बीते 5 दिनों में खर्मीर के बनिहाल में सबसे ज्यादा 156.4 मिमी, काजीगुंड में 137.8 मिमी, पहलगाम में 133.5 मिमी और श्रीनगर में 98.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के ताजा अनुमान की माने तो अगले 24 घंटों रुक रुककर बारिश होगी। हालांकि इसके बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है। 1 से 5 मई तक मौसम साफ रहेगा,लेकिन कुछ इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं, कुछ इलाकों में 6 और 7 मई को छिटपुट बारिश के अनुमान है। खराब मौसम के मद्देनजर मौसम विज्ञान केन्द्र श्रीनगर ने किसानों को 1 मई तक खेती संबंधी काम नहीं करने की सलाह दी है। पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड की चेतावनी भी जारी की गई है।बर्फबारी के चलते अगले दो दिनों तक पहाड़ी इलाकों में आवागमन प्रभावित रह सकता है। वहीं निचले इलाकों में जलभराव का संकट बना हुआ है।कश्मीर में स्कूलों की छुट्टियां कर दी गईं हैं। श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे और मुगल रोड सहित प्रमुख सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद है। बारिश के चलते अधिकांश नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। अधिकारियों ने बाढ़ के खतरे से इनकार किया है।लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए नदियों के किनारे बचाव दल तैनात किए गए हैं। साथ ही लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है।