दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर लवली का इस्तीफा:AAP से गठबंधन पर नाराज, कहा- मुझे किसी को अपॉइंट करने का अधिकार भी नहीं
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर लवली का इस्तीफा:AAP से गठबंधन पर नाराज, कहा- मुझे किसी को अपॉइंट करने का अधिकार भी नहीं
दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की वजह बताई है। लवली ने 4 पेज की चिट्ठी खड़गे को भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। लवली दिल्ली में टिकट बंटवारे से नाराज हैं। कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लवली शीला दीक्षित की सरकार में 15 साल तक परिवहन और शिक्षा समेत कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। दिल्ली के सिख समुदाय में उनकी अच्छी पैठ है। 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे
अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा कि था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था। लवली की चिट्ठी के 11 पॉइंट्स भाजपा नेता बोले- कांग्रेस में एक ही परिवार सबकुछ चलाना चाहता है
लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा- कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है। कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है और परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता तंग हैं। दिखाई देता है कि कल तक कांग्रेस जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे आज वे उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रहे हैं। ये कैसे संभव है? साफ दिखाई दे रहा है कि वहां लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं। दिल्ली की 7 में से 4 पर AAP 3 पर कांग्रेस लड़ रही
दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की वजह बताई है। लवली ने 4 पेज की चिट्ठी खड़गे को भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। लवली दिल्ली में टिकट बंटवारे से नाराज हैं। कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लवली शीला दीक्षित की सरकार में 15 साल तक परिवहन और शिक्षा समेत कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। दिल्ली के सिख समुदाय में उनकी अच्छी पैठ है। 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे
अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा कि था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था। लवली की चिट्ठी के 11 पॉइंट्स भाजपा नेता बोले- कांग्रेस में एक ही परिवार सबकुछ चलाना चाहता है
लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा- कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है। कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है और परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता तंग हैं। दिखाई देता है कि कल तक कांग्रेस जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे आज वे उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रहे हैं। ये कैसे संभव है? साफ दिखाई दे रहा है कि वहां लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं। दिल्ली की 7 में से 4 पर AAP 3 पर कांग्रेस लड़ रही