कल नहीं होगा दिल्ली मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव:प्रिसाइडिंग ऑफिसर तय नहीं हो पाया; AAP बोली- भाजपा ने LG से कहकर चुनाव रद्द कराया

दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 26 अप्रैल यानी कल होना था, लेकिन प्रसाइडिंग ऑफिसर यानी पीठासीन अधिकारी तय न हो पाने के कारण इसे टाल दिया गया है। नगर निगम के सेक्रेटरी ने एक नोटिस जारी कर बताया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1957 के सेक्शन 77(a) के तहत पीठासीन अधिकारी का नॉमिनेशन जरूरी है। इसलिए कल मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संभव नहीं है। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार शाम को ही आरोप लगाया था कि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के ऑफिस ने मेयर चुनाव को कैंसिल करवा दिया है। MCD में आम आदमी पार्टी के इंचार्ज दुर्गेश पाठक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चुनाव आयोग की तरफ से इजाजत मिलने के बाद भी भाजपा ने चुनाव रद्द करवा दिया है। दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर ने ये कहकर चुनाव रद्द कराए हैं कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं, लेकिन इससे पहले ऐसे कई मामले हुए हैं, जब उन्होंने मुख्यमंत्री की न बात मानी है और न उनकी सलाह पर काम किया है। इन आरोपों को लेकर LG ऑफिस से कोई जवाब नहीं आया है। LG ऑफिस ने बताया- पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर CM ऑफिस से जवाब नहीं मिला पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और मेयर चुनाव लेकर दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक नोट भेजा है। इसमें उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री को भेजा था। मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाब आया कि मुख्यमंत्री इस समय न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री कार्यालय इस फाइल को उनके सामने रख पाने में और उनका निर्देश पाने में असमर्थ है। LG ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब न मिलने की स्थिति में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर अपनी शक्ति का उपयोग करने को मैं सही नहीं समझता हूं। LG ने इस नोट में यह भी कहा कि मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर अगले मेयर चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे। मेयर का पद रिजर्व कैटेगरी के पार्षद के लिए आरक्षित पाठक ने कहा कि दूसरे टर्म में मेयर का पद रिजर्व कैटेगरी के पार्षद के लिए आरक्षित है। दलित समुदाय के लोग ये विकास चाहते थे। मेयर चुनाव रद्द होना ये दिखाता है कि भाजपा दलित विरोधी है। 2019 में भी जब लोकसभा चुनाव चल रहे थे, तो मेयर का चुनाव हुआ था। पाठक ने कहा कि हम इस मामले पर वकीलों से राय ले रहे हैं। ऐसी मुश्किलों का सामना हमने पहले भी किया है, हम सुनिश्चित करेंगे कि मेयर का चुनाव हाे सके। वहीं, AAP विधायक विशेष रवि ने भी दावा किया कि भाजपा दलित समुदाय के व्यक्ति को मेयर बनने से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि कल का चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता थी, क्योंकि हमारे कैंडिडेट को कांग्रेस के पार्षद भी सपोर्ट कर रहे थे। AAP ने महेश खिची को मेयर पद के लिए और रविंदर भारद्वाज को डिप्टी मेयर के पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। खिची ने कहा कि हम कल का मेयर चुनाव जीतने वाले थे, लेकिन भाजपा संविधान के खिलाफ जा रही है, क्योंकि वह दलित को मेयर को जीतते हुए नहीं देखना चाहती। इलेक्शन कमीशन ने मेयर चुनाव की अनुमति दे दी थी इससे पहले बुधवार को इलेक्शन कमीशन ने दिल्ली के मेयर चुनाव को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। नियम के मुताबिक, दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के चलते दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी लेना अनिवार्य होती है, लेकिन चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी की अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई थी। निगम को पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए LG की भी अनुमति का इंतजार था, क्योंकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति LG ही करते हैं। हालांकि, पिछला मेयर ही नए मेयर का चुनाव कराता है, लेकिन इसके लिए एलजी की अनुमति जरूरी होती है। ये खबर भी पढ़ें... चंडीगढ़ मेयर चुनाव; SC ने बैलट पेपर मंगाए:चुनाव अधिकारी से पूछा- बैलट पर निशान क्यों लगाया था; कहा- उन पर अलग केस चले इस साल 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुए थे। इसमें AAP और कांग्रेस ने प्रिसाइडिंग ऑफिस अनिल मसीह पर बैलेट पेपर्स पर निशान लगाकर खराब करने का आरोप लगाया था। बैलेट पेपर्स की गिनती के दौरान सीसीटीवी कैमरा में वह फुटेज भी कैद हुआ था, जिसमें मसीह बैलेट पेपर्स खराब करते दिखे थे। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां फरवरी में कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराए जाने की जगह नई व्यवस्था दी। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा बैलट पेपर्स की गिनती कर चंडीगढ़ मेयर का चुनाव किया जाए। बैलट पेपर्स पर अगर पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कोई मार्क लगाए हैं तो उन्हें नजरअंदाज करके काउंटिंग की जाए। अदालत ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर X का निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए। पूरी खबर यहां पढ़ें...

कल नहीं होगा दिल्ली मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव:प्रिसाइडिंग ऑफिसर तय नहीं हो पाया; AAP बोली- भाजपा ने LG से कहकर चुनाव रद्द कराया
दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 26 अप्रैल यानी कल होना था, लेकिन प्रसाइडिंग ऑफिसर यानी पीठासीन अधिकारी तय न हो पाने के कारण इसे टाल दिया गया है। नगर निगम के सेक्रेटरी ने एक नोटिस जारी कर बताया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1957 के सेक्शन 77(a) के तहत पीठासीन अधिकारी का नॉमिनेशन जरूरी है। इसलिए कल मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संभव नहीं है। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार शाम को ही आरोप लगाया था कि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के ऑफिस ने मेयर चुनाव को कैंसिल करवा दिया है। MCD में आम आदमी पार्टी के इंचार्ज दुर्गेश पाठक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि चुनाव आयोग की तरफ से इजाजत मिलने के बाद भी भाजपा ने चुनाव रद्द करवा दिया है। दुर्गेश पाठक ने आगे कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर ने ये कहकर चुनाव रद्द कराए हैं कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं, लेकिन इससे पहले ऐसे कई मामले हुए हैं, जब उन्होंने मुख्यमंत्री की न बात मानी है और न उनकी सलाह पर काम किया है। इन आरोपों को लेकर LG ऑफिस से कोई जवाब नहीं आया है। LG ऑफिस ने बताया- पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर CM ऑफिस से जवाब नहीं मिला पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और मेयर चुनाव लेकर दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक नोट भेजा है। इसमें उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री को भेजा था। मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाब आया कि मुख्यमंत्री इस समय न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री कार्यालय इस फाइल को उनके सामने रख पाने में और उनका निर्देश पाने में असमर्थ है। LG ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब न मिलने की स्थिति में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर अपनी शक्ति का उपयोग करने को मैं सही नहीं समझता हूं। LG ने इस नोट में यह भी कहा कि मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर अगले मेयर चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे। मेयर का पद रिजर्व कैटेगरी के पार्षद के लिए आरक्षित पाठक ने कहा कि दूसरे टर्म में मेयर का पद रिजर्व कैटेगरी के पार्षद के लिए आरक्षित है। दलित समुदाय के लोग ये विकास चाहते थे। मेयर चुनाव रद्द होना ये दिखाता है कि भाजपा दलित विरोधी है। 2019 में भी जब लोकसभा चुनाव चल रहे थे, तो मेयर का चुनाव हुआ था। पाठक ने कहा कि हम इस मामले पर वकीलों से राय ले रहे हैं। ऐसी मुश्किलों का सामना हमने पहले भी किया है, हम सुनिश्चित करेंगे कि मेयर का चुनाव हाे सके। वहीं, AAP विधायक विशेष रवि ने भी दावा किया कि भाजपा दलित समुदाय के व्यक्ति को मेयर बनने से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि कल का चुनाव सिर्फ एक औपचारिकता थी, क्योंकि हमारे कैंडिडेट को कांग्रेस के पार्षद भी सपोर्ट कर रहे थे। AAP ने महेश खिची को मेयर पद के लिए और रविंदर भारद्वाज को डिप्टी मेयर के पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। खिची ने कहा कि हम कल का मेयर चुनाव जीतने वाले थे, लेकिन भाजपा संविधान के खिलाफ जा रही है, क्योंकि वह दलित को मेयर को जीतते हुए नहीं देखना चाहती। इलेक्शन कमीशन ने मेयर चुनाव की अनुमति दे दी थी इससे पहले बुधवार को इलेक्शन कमीशन ने दिल्ली के मेयर चुनाव को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। नियम के मुताबिक, दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के चलते दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी लेना अनिवार्य होती है, लेकिन चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी की अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई थी। निगम को पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए LG की भी अनुमति का इंतजार था, क्योंकि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति LG ही करते हैं। हालांकि, पिछला मेयर ही नए मेयर का चुनाव कराता है, लेकिन इसके लिए एलजी की अनुमति जरूरी होती है। ये खबर भी पढ़ें... चंडीगढ़ मेयर चुनाव; SC ने बैलट पेपर मंगाए:चुनाव अधिकारी से पूछा- बैलट पर निशान क्यों लगाया था; कहा- उन पर अलग केस चले इस साल 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुए थे। इसमें AAP और कांग्रेस ने प्रिसाइडिंग ऑफिस अनिल मसीह पर बैलेट पेपर्स पर निशान लगाकर खराब करने का आरोप लगाया था। बैलेट पेपर्स की गिनती के दौरान सीसीटीवी कैमरा में वह फुटेज भी कैद हुआ था, जिसमें मसीह बैलेट पेपर्स खराब करते दिखे थे। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां फरवरी में कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराए जाने की जगह नई व्यवस्था दी। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा बैलट पेपर्स की गिनती कर चंडीगढ़ मेयर का चुनाव किया जाए। बैलट पेपर्स पर अगर पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कोई मार्क लगाए हैं तो उन्हें नजरअंदाज करके काउंटिंग की जाए। अदालत ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर X का निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए। पूरी खबर यहां पढ़ें...