हिमाचल में बागी विधायकों की सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा:कैप्टन 2 दिन पहले BJP से कांग्रेस में आए, कालिया भी भाजपा से आए

हिमाचल में 1 जून को 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। सुजानपुर से कैप्टन रणजीत सिंह राणा, गगरेट से राकेश कालिया और कुटलैहड़ से विवेक शर्मा को टिकट दी गई है। धर्मशाला, लाहौल स्पीति और बड़सर सीट को अभी होल्ड पर रखा गया है। इन सभी 6 विधानसभा सीटों पर पहले कांग्रेस के विधायक थे। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्‌टो और गगरेट से चैतन्य शर्मा ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट किया था, जिससे कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। इसके बाद सभी 6 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया था। इसके बाद कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक 23 मार्च को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हो गए थे। भाजपा ने सभी 6 बागियों को उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। टिकट कटने पर भाजपा में गए थे कालिया कांग्रेस की ओर से गगरेट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए गए राकेश कालिया 3 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। वह 2 बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट विधानसभा सीट से जीते। वह हिमाचल में वीरभद्र सिंह की सरकार के दौरान मुख्य संसदीय सचिव भी रहे। इसके अलावा कालिया AICC के सचिव और मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सह प्रभारी भी रह चुके हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के फायर ब्रांड नेताओं में होती है। 2022 में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव में गगरेट से कांग्रेस ने कालिया की जगह चैतन्य शर्मा को टिकट दे दिया था, जिसके बाद कालिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली थी। 17 अप्रैल को चैतन्य शर्मा के भाजपा जॉइन कर लेने पर राकेश कालिया ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया ओर कांग्रेस में शामिल हो गए। सर्वे में टॉप पर रहे विवेक शर्मा विवेक शर्मा को कुटलैहड़ से टिकट दिया गया है। वह इसी विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। वह पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय रामनाथ शर्मा के बेटे हैं, जो 2 बार कुटलैहड़ से विधायक रहे। मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस महासचिव हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबियों में होती है। वह पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस का टिकट देवेंद्र कुमार भुट्टो को मिला। इसके बाद विवेक पार्टी के साथ जुड़े रहे और कांग्रेस सरकार बनने पर फील्ड में सक्रिय रहे। यही वजह है कि कांग्रेस के सर्वे में भी विवेक टॉप पर रहे। हालांकि विवेक शर्मा एक दफा पहले भी कुटलैहड़ से चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें उन्हें भाजपा के वीरेंद्र कंवर से पराजय मिली थी। राजेंद्र राणा से 399 वोटों से हारे से रणजीत विधानसभा उपचुनाव में हिमाचल की सबसे हॉट सीट रहने वाली सुजानपुर से कांग्रेस ने कैप्टन रणजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां पर पहले ही कांग्रेस से बागी हुए पूर्व विधायक राजेंद्र राणा को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही दलों ने अदला-बदली करके पिछले विधानसभा चुनावों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को ही इस सीट से तरजीह दी है। कैप्टन रणजीत 2 दिन पहले ही दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए थे। सुजानपुर में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की तादाद डेढ़ दर्जन के आसपास थी, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने नई रणनीति के तहत तुरुप की चाल चली। कैप्टन रणजीत पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हाईकमान ने प्रेम कुमार धूमल को टिकट न देकर कैप्टन रणजीत को प्रत्याशी बनाया था। रणजीत कांग्रेस के राजेंद्र राणा से महत 399 वोटों से हार गए थे। कांग्रेस कैंडिडेट्स के बारे में जानिए...

हिमाचल में बागी विधायकों की सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा:कैप्टन 2 दिन पहले BJP से कांग्रेस में आए, कालिया भी भाजपा से आए
हिमाचल में 1 जून को 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। सुजानपुर से कैप्टन रणजीत सिंह राणा, गगरेट से राकेश कालिया और कुटलैहड़ से विवेक शर्मा को टिकट दी गई है। धर्मशाला, लाहौल स्पीति और बड़सर सीट को अभी होल्ड पर रखा गया है। इन सभी 6 विधानसभा सीटों पर पहले कांग्रेस के विधायक थे। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्‌टो और गगरेट से चैतन्य शर्मा ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट किया था, जिससे कांग्रेस कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। इसके बाद सभी 6 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया था। इसके बाद कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक 23 मार्च को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हो गए थे। भाजपा ने सभी 6 बागियों को उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। टिकट कटने पर भाजपा में गए थे कालिया कांग्रेस की ओर से गगरेट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी बनाए गए राकेश कालिया 3 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। वह 2 बार चिंतपूर्णी और एक बार गगरेट विधानसभा सीट से जीते। वह हिमाचल में वीरभद्र सिंह की सरकार के दौरान मुख्य संसदीय सचिव भी रहे। इसके अलावा कालिया AICC के सचिव और मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सह प्रभारी भी रह चुके हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के फायर ब्रांड नेताओं में होती है। 2022 में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव में गगरेट से कांग्रेस ने कालिया की जगह चैतन्य शर्मा को टिकट दे दिया था, जिसके बाद कालिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली थी। 17 अप्रैल को चैतन्य शर्मा के भाजपा जॉइन कर लेने पर राकेश कालिया ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया ओर कांग्रेस में शामिल हो गए। सर्वे में टॉप पर रहे विवेक शर्मा विवेक शर्मा को कुटलैहड़ से टिकट दिया गया है। वह इसी विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। वह पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय रामनाथ शर्मा के बेटे हैं, जो 2 बार कुटलैहड़ से विधायक रहे। मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस महासचिव हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबियों में होती है। वह पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस का टिकट देवेंद्र कुमार भुट्टो को मिला। इसके बाद विवेक पार्टी के साथ जुड़े रहे और कांग्रेस सरकार बनने पर फील्ड में सक्रिय रहे। यही वजह है कि कांग्रेस के सर्वे में भी विवेक टॉप पर रहे। हालांकि विवेक शर्मा एक दफा पहले भी कुटलैहड़ से चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें उन्हें भाजपा के वीरेंद्र कंवर से पराजय मिली थी। राजेंद्र राणा से 399 वोटों से हारे से रणजीत विधानसभा उपचुनाव में हिमाचल की सबसे हॉट सीट रहने वाली सुजानपुर से कांग्रेस ने कैप्टन रणजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां पर पहले ही कांग्रेस से बागी हुए पूर्व विधायक राजेंद्र राणा को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही दलों ने अदला-बदली करके पिछले विधानसभा चुनावों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को ही इस सीट से तरजीह दी है। कैप्टन रणजीत 2 दिन पहले ही दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए थे। सुजानपुर में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की तादाद डेढ़ दर्जन के आसपास थी, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने नई रणनीति के तहत तुरुप की चाल चली। कैप्टन रणजीत पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हाईकमान ने प्रेम कुमार धूमल को टिकट न देकर कैप्टन रणजीत को प्रत्याशी बनाया था। रणजीत कांग्रेस के राजेंद्र राणा से महत 399 वोटों से हार गए थे। कांग्रेस कैंडिडेट्स के बारे में जानिए...